what is intraday trading full information in Hindi |
तो, आप स्टॉक मार्केट की दुनिया में गोता लगाना चाहते हैं, है ना? तो, कमर कस लीजिए क्योंकि यह एक रोमांचक सवारी होने वाली है। क्योंकि आज हम इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में बात करने जा रहे हैं - इंट्रा-डे ट्रेडिंग क्या है, इंट्रा-डे ट्रेडिंग कैसे काम करती है, और आप इससे रोज प्रोफिट कैसे कमा सकते हैं इसके बारे में, मैं कुछ रिसर्चर और इन्वेस्टर के सुझाव के बारे में बताने वाला हुं जो आपके लिए काफी मददगार साबित होगा। इंट्राडे ट्रेडिंग उतार-चढ़ाव से भरी एक रोलर कोस्टर की सवारी की तरह हो सकती है, लेकिन आपके पास सही ज्ञान और सही रणनीति है। तो आप सवारी का आनंद ले सकते हैं और रास्ते में कुछ पैसे भी कमा सकते हैं।
What is intraday trading इंट्रा-डे ट्रेडिंग क्या है:-
इंट्राडे ट्रेडिंग, को डे ट्रेडिंग के रूप में भी जाना जाता है, इसमें आज ही के दिन शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं। कहने का तात्पर्य ये है कि अगर आप सोमवार को 9:15 से लेकर 3:45 के अंदर कोई शेयर खरीदते हैं तो आपको सोमवार को ही 9:15 से लेकर 3:45 के बीच ही आपको खरीदे हुए शेयर को बेचना होगा और अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो आपका शेयर खुद व खुद आपका ब्रोकर बेच देगा और अपना चार्जेस आपके प्रोफिट या नुकसान हुए पैसों में से काट लेगा
इंट्राडे ट्रेडिंग अन्य ट्रेडिंग प्रकारों से कैसे भिन्न है:-
ये सवाल आपके मन में भी आता होगा कि लंबी अवधि के निवेश या स्विंग ट्रेडिंग के ट्रेडों को दिनों, हफ्तों यहां तक कि वर्षों तक रखा जा सकता है, लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग में आज खरीदना और आज ही बेचना पड़ता है क्यों 🤔, क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग अल्पकालिक गतिविधियों पर केंद्रित होती है। यह दिन भर बाज़ार की अस्थिरता का फ़ायदा उठाने के बारे में है।
और अगर कोई व्यक्ति लम्बे समय तक इंतजार नहीं कर सकता और उसके पास बहुत पैसा है और स्टॉक मार्केट का ज्ञान भी तो ऐसे व्यक्तियों के लिए इंट्रा-डे ट्रेडिंग हमेशा तत्पर रहता है। इसी के साथ और बहुत से कारण है इंट्रा-डे ट्रेडिंग को बाकियों ट्रेडों से अलग करने कि अगर आपको जानना है तो इंटरनेट पर हजारों आर्टिकल्स मिल जाएंगी.
इंट्राडे ट्रेडिंग का उद्देश्य:-
इंट्राडे ट्रेडिंग का प्राथमिक उद्देश्य है बाजार की कीमत में उतार-चढ़ाव से त्वरित लाभ उत्पन्न करना। और व्यापारी इसी उतार-चढ़ाव के बीच अपनी विभिन्न रणनीतियों और उपकरणों का उपयोग करते हैं और एक ही दिन में अपने शेयर को खरीद बेच करके लाभ कमाने की कोशिश करते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे काम करती है How Intraday Trading Works :-
शेयर बाजार में इंट्राडे ट्रेडिंग buyer और seller के बीच व्यापार का काम करती है. मतलब स्टॉक को उसी दिन low price में buy करके high price में sell करके इंट्राडे ट्रेडर प्रॉफिट कमाता है।
नए लोगों के लिए इंट्राडे ट्रेडिंग थोड़ी सी रिस्की होती है क्योंकि इसमें आपको शेयर को same day ट्रेड करना पड़ता है इसीलिए day trading से profit कमाने के लिए आपको कुछ intraday trading strategies सीखनी पड़ती है।
यह भी पढ़ें:-
How to Invest in Stocks: A Beginner's Guide| in Hindi
जब आप स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करने जाते हैं तो आपको शेयर के मूवमेंट यानी कि price action को ध्यान से ट्रैक करना पड़ता है। और इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय आपको यह भी देखना पड़ता है कि–
👉शेयर का प्राइस किस दिशा में जा रहा है,
👉शेयर के support और resistance level क्या हैं,
👉चार्ट पर अगली कैंडलस्टिक कौन सी बनने वाली है,
👉किस प्राइस पर ब्रेकआउट होने वाला है,
👉चार्ट का बड़े टाइमफ्रेम पर ट्रेंड क्या है,
जब आप एक इंट्राडे ट्रेडर के तौर पर इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए intraday trading करेंगे तो आपके लाभ कमाने के चांसेस काफी हद तक बढ़ जाते हैं।
आपको बता दें कि इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू करने वाले 80% लोगों का नुकसान (loss) इसलिए होता है क्योंकि कि लोग इंट्राडे ट्रेडिंग को बहुत कम समय में ज्यादा पैसा कमाने का धंधा समझते हैं। जबकि आपको इसे बार-बार लगातार प्रैक्टिस के द्वारा सीखना पड़ता है और कई सारी ट्रेडिंग स्ट्रेटजीस फॉलो करना पड़ता है। तब जाकर आप एक सक्सेजफुल डे ट्रेडर बन सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको किसी ब्रोकर के पास डिमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद अपने बैंक खाते से ट्रेडिंग अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करना होगा। फिर जिस भी शेयर को आप खरीदना चाहते हैं उसका टेक्निकल एनालिसिस करें और फिर स्टॉक को सही प्राइस पर buy कर लें-
और जब शेयर का प्राइस आपके खरीदे गए प्राइस से थोड़ा बहुत बढ़ जाए तब आप उसे बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।
लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आपको कैसे पता चलेगा कि शेयर का प्राइस कब बढ़ने वाला है🤔
इसके लिए आपको उस स्टॉक की price history को देखना होगा यानी past में उस शेयर ने कैसा परफॉर्म किया है।
यह देखने के लिए आपको उस स्टॉक का 15 मिनट या 1 hour टाइमफ्रेम का चार्ट देखना होगा। अगर उस चार्ट पर स्टॉक का प्राइस लगातार नीचे की ओर जा रहा है तो आपको पता करना चाहिए, हो सकता है कि मार्केट में उस कंपनी से रिलेटेड कोई बुरी खबर आई हो या फिर उस कंपनी ने फाइनेंसियल नंबर यानी तिमाही नतीजे अच्छे पेश ना किए हो या फिर उसका बिजनेस अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहा हो. इत्यादि
अब शेयर के गिरने का कारण तो कुछ भी हो सकता है और जब आपको गिरावट की वजह पता होगी तो आप उस शेयर को खरीदेंगे नहीं बल्कि उल्टा बेचेंगे, मतलब short selling करेंगे,
जी हां, जब शेयर का प्राइस गिर रहा हो तब आप short sell करके भी पैसा कमा सकते हैं। यहां पर शॉर्ट सेल का मतलब है पहले शेयर को बेचना फिर बाद में खरीदना।
लेकिन जब आप इंट्राडे ट्रेडिंग करने जाते हैं तो आपको market के fluctuation के अनुसार अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बनानी चाहिए।
याद रखिए– अगर आप एक beginner(link) इंट्राडे ट्रेडिंग हैं तो कम पैसे लगाकर ट्रेड कीजिये क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग इन्वेस्टमेंट की तुलना में थोड़ा रिस्की है लेकिन अगर आप इसे अच्छे से करना सीख गए तो आप रोजाना Profit कमा सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग में यही फायदा है कि इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको कंपनी के शेयर का फंडामेंटल एनालिसिस करने की जरूरत नहीं पड़ती मतलब कंपनी कैसा परफॉर्म कर रही है, उस पर कर्ज कितना है, बिजनेस कैसा है और भविष्य में वह इंडस्ट्री में कैसा परफॉर्म करेगी इन सब के बारे में आपको जानने की जरूरत नहीं होती।
आपको केवल टेक्निकल रिसर्च के आधार पर शेयर का एनालिसिस करना पड़ता है और यह देखना होता है कि स्टॉक प्राइस यहां से ऊपर जा सकता है या नीचे और उसी के अनुसार अपना ट्रेडिंग निर्णय लेना होता है।
ट्रेडिंग योजना का महत्व:-
अपने द्वारा अच्छी तरह से परिभाषित कि गई एक ट्रेडिंग योजना आपकी सफलता का रोडमैप है। यह आपके लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और ट्रेडों में प्रवेश करने और बाहर निकलने की रणनीतियों की रूपरेखा बताता है। इसलिए ट्रेड करने से पहले एक ट्रेडिंग योजना जरूर बनाएं
Risk Management in Intraday Trading इंट्राडे ट्रेडिंग में जोखिम प्रबंधन:-
इंट्रा-डे ट्रेडिंग बाकी ट्रेडों से कई गुणा जोखिम से भरा है इसलिए जोखिम प्रबंधन महत्वपूर्ण है. अपनी नुकसान को कम करने के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर स्टॉप-लॉस ऑर्डर का उपयोग करें और कभी भी एक ही ट्रेड पर अपनी ट्रेडिंग पूंजी के एक छोटे प्रतिशत से अधिक जोखिम न लें।
समाचार और आर्थिक संकेतकों की भूमिका:-
स्टॉक मार्केट से रिलेटेड या आपने जो शेयर खरीदा है उससे रिलेटेड समाचार और आर्थिक संकेतक बाजार की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। आर्थिक रिलीज़, कॉर्पोरेट आय और अन्य प्रासंगिक समाचारों के बारे में सूचित रहें।
एक दिहाड़ी व्यापारी की भूमिका:-
एक डे ट्रेडर को भूमिका बाजार की निगरानी करना, लाभ के अवसरों की पहचान करना और ट्रेडों को तेजी से निष्पादित करना अवश्य आनी चाहिए। इसके लिए बाज़ार के रुझानों की गहरी समझ, तकनीकी विश्लेषण और एक ठोस ट्रेडिंग रणनीति की आवश्यकता होती है। इसलिए अपने द्वारा बनाए गए रणनीति के अनुसार ही ट्रेड करें
जब आप स्टॉक मार्केट में इंट्राडे ट्रेडिंग करने जाते हैं तो आपको शेयर के मूवमेंट यानी कि price action को ध्यान से ट्रैक करना पड़ता है। और इंट्राडे ट्रेडिंग करते समय आपको यह भी देखना पड़ता है कि–
👉शेयर का प्राइस किस दिशा में जा रहा है,
👉शेयर के support और resistance level क्या हैं,
👉चार्ट पर अगली कैंडलस्टिक कौन सी बनने वाली है,
👉किस प्राइस पर ब्रेकआउट होने वाला है,
👉चार्ट का बड़े टाइमफ्रेम पर ट्रेंड क्या है,
जब आप एक इंट्राडे ट्रेडर के तौर पर इन सभी चीजों को ध्यान में रखते हुए intraday trading करेंगे तो आपके लाभ कमाने के चांसेस काफी हद तक बढ़ जाते हैं।
आपको बता दें कि इंट्राडे ट्रेडिंग शुरू करने वाले 80% लोगों का नुकसान (loss) इसलिए होता है क्योंकि कि लोग इंट्राडे ट्रेडिंग को बहुत कम समय में ज्यादा पैसा कमाने का धंधा समझते हैं। जबकि आपको इसे बार-बार लगातार प्रैक्टिस के द्वारा सीखना पड़ता है और कई सारी ट्रेडिंग स्ट्रेटजीस फॉलो करना पड़ता है। तब जाकर आप एक सक्सेजफुल डे ट्रेडर बन सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग कैसे करें? (How to do intraday trading in hindi)
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले आपको किसी ब्रोकर के पास डिमैट अकाउंट खुलवाना होगा. इसके बाद अपने बैंक खाते से ट्रेडिंग अकाउंट में पैसा ट्रांसफर करना होगा। फिर जिस भी शेयर को आप खरीदना चाहते हैं उसका टेक्निकल एनालिसिस करें और फिर स्टॉक को सही प्राइस पर buy कर लें-
और जब शेयर का प्राइस आपके खरीदे गए प्राइस से थोड़ा बहुत बढ़ जाए तब आप उसे बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं।
लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आपको कैसे पता चलेगा कि शेयर का प्राइस कब बढ़ने वाला है🤔
इसके लिए आपको उस स्टॉक की price history को देखना होगा यानी past में उस शेयर ने कैसा परफॉर्म किया है।
यह देखने के लिए आपको उस स्टॉक का 15 मिनट या 1 hour टाइमफ्रेम का चार्ट देखना होगा। अगर उस चार्ट पर स्टॉक का प्राइस लगातार नीचे की ओर जा रहा है तो आपको पता करना चाहिए, हो सकता है कि मार्केट में उस कंपनी से रिलेटेड कोई बुरी खबर आई हो या फिर उस कंपनी ने फाइनेंसियल नंबर यानी तिमाही नतीजे अच्छे पेश ना किए हो या फिर उसका बिजनेस अच्छा परफॉर्म नहीं कर रहा हो. इत्यादि
अब शेयर के गिरने का कारण तो कुछ भी हो सकता है और जब आपको गिरावट की वजह पता होगी तो आप उस शेयर को खरीदेंगे नहीं बल्कि उल्टा बेचेंगे, मतलब short selling करेंगे,
जी हां, जब शेयर का प्राइस गिर रहा हो तब आप short sell करके भी पैसा कमा सकते हैं। यहां पर शॉर्ट सेल का मतलब है पहले शेयर को बेचना फिर बाद में खरीदना।
लेकिन जब आप इंट्राडे ट्रेडिंग करने जाते हैं तो आपको market के fluctuation के अनुसार अपनी ट्रेडिंग स्ट्रेटजी बनानी चाहिए।
याद रखिए– अगर आप एक beginner(link) इंट्राडे ट्रेडिंग हैं तो कम पैसे लगाकर ट्रेड कीजिये क्योंकि इंट्राडे ट्रेडिंग इन्वेस्टमेंट की तुलना में थोड़ा रिस्की है लेकिन अगर आप इसे अच्छे से करना सीख गए तो आप रोजाना Profit कमा सकते हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग में यही फायदा है कि इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको कंपनी के शेयर का फंडामेंटल एनालिसिस करने की जरूरत नहीं पड़ती मतलब कंपनी कैसा परफॉर्म कर रही है, उस पर कर्ज कितना है, बिजनेस कैसा है और भविष्य में वह इंडस्ट्री में कैसा परफॉर्म करेगी इन सब के बारे में आपको जानने की जरूरत नहीं होती।
आपको केवल टेक्निकल रिसर्च के आधार पर शेयर का एनालिसिस करना पड़ता है और यह देखना होता है कि स्टॉक प्राइस यहां से ऊपर जा सकता है या नीचे और उसी के अनुसार अपना ट्रेडिंग निर्णय लेना होता है।
ट्रेडिंग योजना का महत्व:-
अपने द्वारा अच्छी तरह से परिभाषित कि गई एक ट्रेडिंग योजना आपकी सफलता का रोडमैप है। यह आपके लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और ट्रेडों में प्रवेश करने और बाहर निकलने की रणनीतियों की रूपरेखा बताता है। इसलिए ट्रेड करने से पहले एक ट्रेडिंग योजना जरूर बनाएं
Risk Management in Intraday Trading इंट्राडे ट्रेडिंग में जोखिम प्रबंधन:-
इंट्रा-डे ट्रेडिंग बाकी ट्रेडों से कई गुणा जोखिम से भरा है इसलिए जोखिम प्रबंधन महत्वपूर्ण है. अपनी नुकसान को कम करने के लिए स्टॉप-लॉस ऑर्डर स्टॉप-लॉस ऑर्डर का उपयोग करें और कभी भी एक ही ट्रेड पर अपनी ट्रेडिंग पूंजी के एक छोटे प्रतिशत से अधिक जोखिम न लें।
समाचार और आर्थिक संकेतकों की भूमिका:-
स्टॉक मार्केट से रिलेटेड या आपने जो शेयर खरीदा है उससे रिलेटेड समाचार और आर्थिक संकेतक बाजार की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। आर्थिक रिलीज़, कॉर्पोरेट आय और अन्य प्रासंगिक समाचारों के बारे में सूचित रहें।
एक दिहाड़ी व्यापारी की भूमिका:-
एक डे ट्रेडर को भूमिका बाजार की निगरानी करना, लाभ के अवसरों की पहचान करना और ट्रेडों को तेजी से निष्पादित करना अवश्य आनी चाहिए। इसके लिए बाज़ार के रुझानों की गहरी समझ, तकनीकी विश्लेषण और एक ठोस ट्रेडिंग रणनीति की आवश्यकता होती है। इसलिए अपने द्वारा बनाए गए रणनीति के अनुसार ही ट्रेड करें
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